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 हार्ट अटैक (दिल का दौरा) क्या है | हार्ट अटैक (दिल का दौरा) कैसे आता है (What is Heart Attack) 

हार्ट अटैक एक ऐसी स्थिति है जब ह्रदय में ऑक्सीजन का प्रवाह धीरे धीरे बंद होने लगता है और जब ह्रदय को ऑक्सीजन नहीं मिलती है तो हार्ट अटैक की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। 
ह्रदय को रक्त पहुंचाने वाली कोरोनरी धमनी में Plaque, कोलेस्ट्रॉल या हानिकारक चिपचपे पदार्थ जमा होने के कारण धमनियों की दीवारें सकरी हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह में अवरुद्ध उत्पन्न होता है, जिसके कारन ह्रदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति ना होने की वजह से ह्रदय की मासपेशिया नष्ट होने लगती हैं जिसके कारण हार्ट अटैक की स्थिति आ जाती है। 




    हार्ट अटैक (दिल का दौरा) के लक्षण | हार्ट अटैक (दिल का दौरा) को कैसे पहचाने (Symptoms Of Heart Attack)

    1  साँस लेने में तकलीफ :-  हार्ट अटैक के समय आपको साँस लेने में कठिनाई हो सकती है क्यों की जब ह्रदय ठीक से काम नहीं करता है तो फेफड़ों के द्वारा सही मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती जिसके कारण साँस लेने में समस्या होने लगती है। 

    2  चक्कर आना :-  यदि ह्रदय कमजोर हो जाता है तो रक्त का संचार सही ढंग से नहीं हो पाता जिसके कारन मस्तिष्क तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती और चक्कर आने की समस्या शुरू हो जाती है। जो हार्ट अटैक का ही एक लक्षण होता है। 

    3  सीने में दर्द / घबराहट :-  कभी कभी आपके सीने में होने वाला दर्द हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है क्यों की ह्रदय के कमजोर होने के कारण ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुँचाने के लिए ह्रदय पर काफी दवाव पढता है जिसके कारण सीने में जलन या घबराहट हो सकती है। साथ ही बिना वजह थकान और आलस बना रहता है। 

    4  शरीर में दर्द :-  सामान्यतः 40 की उम्र के बाद यदि आपको कोई भी मेहनती काम करने में जल्दी थकावट महसूस होने लगे या शरीर के कुछ हिस्सों जैसे गर्दन, जबड़े, कान, कंधे, बाहें आदि में दर्द हो तो यह हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा हार्ट अटैक के समय अधिक पसीना आना या जी मिचलाना जैसी समस्या भी हो सकती है। 

    सभी लोगो में यह लक्षण एक समान नही होते कभी कभी अलग अलग लोगो में हार्ट अटैक के अलग अलग लक्षण देखने को मिल सकते हैं।  सामान्यतः हार्ट अटैक अचानक ही आता है किन्तु इसके लक्षण कुछ समय पहले देखने को मिल जाते हैं। 

    5  आसामान्य दिल का धड़कना / एड़ी और हाथ में सूजन :-  किसी व्यक्ति के हाथ पैर के पंजे या एड़ी में बिना वजह सूजन आना और बिना वजह अधिक समय तक  दिल की धड़कन का कम या तेज होना भी हार्ट अटैक का गंभीर लक्षण है। ऐसा ह्रदय के द्वारा रक्त को सही तरीके से पम्प ना करने के कारण होता है। 

    हार्ट अटैक (दिल का दौरा) के कारण | हार्ट अटैक (दिल का दौरा) क्यों आता है (Causes Of Heart Attack)

    1 धूम्रपान / नशा करना :-  तम्बाकू, सिगरेट या अन्य नशीले पदार्थो का इस्तेमाल करने से रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं और धीरे धीरे कमजोर पढ़ने लगती हैं। शरीर में उपस्थित फैट रक्त को गाढ़ा कर देता है रक्त नलिकाओं के सिकुड़ने की वजह से रक्त प्रवाह धीमा होने लगता है जब धीरे धीरे रक्त प्रवाह रुक जाता है तो व्यक्ति हार्ट अटैक का शिकार हो जाता है। 

    2  मानसिक तनाव :-  मानसिक तनाव लगभग हर प्रकार की बीमारियों का कारण होता है यह आपके शरीर को हर तरह से प्रभावित करता है कभी कभी अधिक तनाव होने की वजह से रक्त का थक्का जमने लगता है जिसके कारण रक्त प्रवाह में अवरोध उत्पन्न हो जाता है और  ऑक्सीजन की कमी के कारन हार्ट अटैक की शिकायत होने लगती है। 
    और तनाव बढ़ने के कारण कोर्टीसोल  हार्मोन का स्तर भी बढ़ने लगता है जो हार्ट अटैक की समस्या उत्पन्न कर सकता है। 

    3  मोटापा :-  अधिक मोटापा भी कभी कभी हार्ट अटैक का कारण बन सकता है अधिक समय तक मोटापा रहने के कारन ह्रदय के ऊतकों में सूजन आ सकती है जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। 

    4  बसा कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना :-  शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की वजह से ह्रदय की धमनियों की भीतरी दीवारों में बसा एकत्रित होने लगता है और लगातार ऐसा होने के कारण धमनियों की दीवारे सिकुड़ने लगती हैं जिसके कारन ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह में अवरुद्ध उत्पन्न होने लगता है और ह्रदय को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन ना मिलने के कारण हार्ट  अटैक की समस्या सामने आ जाती है। 

    5  अनुवांशिक कारण :-  कुछ अन्य बीमारियों के सामान भी हार्ट अटैक भी एक अनुवांशिक बीमारी हो सकती है जो यदि आपके परिवार (माता-पिता) में पूर्व में कोई व्यक्ति हार्ट अटैक का शिकार हुआ हो तो आपको अधिक सतर्क रहने की जरुरत हो सकती है। 

    6  कुछ अन्य बीमारियां :-  कुछ बीमारियां जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेसर (हाइपर टेंशन) या अस्थमा, दमा आदि भी हार्ट अटैक का कारण बन सकते हैं। 

    डाइबिटीज़ होने के कारन रक्त में शर्करा (ग्लूकोज़) की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण रक्त नलिकाएं धीरे धीरे नष्ट होने लगती हैं तब हार्ट अटैक की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। 

    अस्थमा या दमा जैसी स्वस्थ सम्बन्धी समस्या होने पर हमारे फेफड़े काफी प्रभावित हो जाते हैं जिसके कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और साँस लेने में तकलीफ होने लगती है। ह्रदय पर अधिक प्रेशर पढ़ने से हार्ट अटैक आ सकता है। 

    जिन लोगो को हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी होती है अर्थात 140 / 90 mmhg या इससे अधिक रक्त चाप होता है उनकी रक्त वाहिनियों में रक्त का दाव अधिक होता है जिसके कारण ह्रदय को दोगुनी मेहनत करनी पढ़ती है और अधिक प्रेशर के साथ रक्त को पम्प करना पढता है अधिक प्रेशर बढ़ने के कारन हार्ट अटैक आता है। 

    हार्ट अटैक (दिल का दौरा) के लिए प्राथमिक उपचार | हार्ट अटैक (दिल का दौरा) के लिए तुरंत उपचार (Heart Attack  First Aid)

     यदि किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आया हो तो सबसे पहले तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे। या स्वयं  हॉस्पिटल ले जाएँ। लेकिन जब तक मरीज को चिकित्स्कीय उपचार नहीं मिलता तब तक आप कुछ महत्वपूर्ण प्राथमिक उपचार दे सकते है जिससे मरीज को राहत मिले और उसकी जान बचाई जा सके। 

    1) हार्ट अटैक आने पर, यदि व्यक्ति टाइट कपडे पहने हो तो सबसे पहले उसके कपड़ो को खोल दे ताकि उसे आराम मिले ऐसा करने से उसे कम घबराहट होगी और राहत मिलेगी। 

    2) मरीज के आस पास ज्यादा भींड न लगाएं ,सारे खिड़की दरवाजे खोल दे ताकि मरीज को पर्याप्त ऑक्सीजन मिल सके। हो सके तो उसका ध्यान कहीं और लगाने की कोशिश करें इससे उसे आराम मिलेगा। 

    3) यदि मरीज का ब्लड प्रेसर लो (कम) हो तो उसके सिर को नीचे की तरफ और पैर को थोड़ा ऊपर उठाकर लिटाएं इससे मस्तिष्क और हृदय तक रक्त की सप्लाई होने लगेगा और हार्ट अटैक में आराम मिलेगा। 

    4) हार्ट अटैक के समय आप मरीज को डिस्प्रिन की गोली की सलाह भी दे सकते है। इसे पानी में घोलकर पिलाने या इसे चबाने से दर्द में आराम मिलेगा और बेचैनी कम होगी। 





    5) यदि मरीज की हालत अधिक ख़राब हो रही हो तब  बेहोशी की हालत होने पर अर्थात उसकी नब्ज कम हो रही हो तब डॉक्टर के आने तक या हॉस्पिटल जाने तक  सी. पी. आर. दे। 

    हार्ट अटैक मरीज को सीपीआर (CPR) कैसे दें ?


    इसके लिए मरीज को सीधा कमर के बल लिटाये और अपनी  दोनों हथेलियों को सीने के बीच में रखे और वी (V) आकार का शेप दे। अब सीने को दबाएं लगभग 1  मिनट में 100 बार दबाना चाहिए और इस बात का भी ध्यान रहे की दवाब इतना  होना चाहिए कि सीना लगभग 5 सेंटीमीटर नीचे तक जा सके। लगातार ऐसा करते रहे इससे मरीज की जान बचाई जा सकती है।  

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