माइग्रेन क्या है ? What is Migrain ? माइग्रेन किसे कहते हैं ?
माइग्रेन एक विशिष्ट प्रकार का सिर दर्द होता है जो सिर के किसी भी भाग में हो सकता है माइग्रेन ख़राब दिनचर्या या जरुरत से ज्यादा मशीनी चीजो के इस्तेमाल से हो सकता है माइग्रेन आज की टेक्निकल लाइफ की सामान्य बीमारी बन गई है जो मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र के विकार के कारण होता है और यह हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभवित करता है।
माइग्रेन का सबसे बड़ा कारण तनाव को माना जाता है। क्यों की आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव बहुत बढ़ रहा है जिसके कारण दुनिया भर में माइग्रेन से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। क्यों की जब भी हम सामान्य स्थिति (माहौल) से एक दम सीधे तनाव भरे माहौल में जाते है तो सबसे पहले हमारा सिर दर्द शुरू हो जाता है। और यह दर्द धीरे धीरे बढ़कर असहनीय हो जाता है और माइग्रेन का रूप ले लेता है। जिसके कारण कभी कभी हमारा रक्त चाप (Blood Pressure) भी बढ़ने लगता है ऐसे में हमें समझ जाना चाहिए की हम माइग्रेन का शिकार हो रहे हैं।
आज की लाइफ में माइग्रेन के कई कारन हो सकते हैं कई बार तो हमारा वेबजह ही सिर दर्द बार बार होने लगता है और गंभीर रूप ले लेता है इस असहनीय सिर दर्द के कारण हम अपनी बाकी सारी मुसीबते भूल जाते हैं तो इस प्रकार के दर्द को हम माइग्रेन का नाम देते हैं।
माइग्रेन में सिर दर्द सामान्य रूप से सिर के आधे हिस्से में होता है और यह सिर दर्द थोड़ी देर रह रहकर होता है और लम्बे समय तक बना रहता है। माइग्रेन मूल रूप से एक Neurological समस्या है सिर दर्द के समय सिर के नीचे की धमनियां बढ़ जाती हैं और कभी कभी दर्द वाले हिस्से मे सूजन भी आ जाती है जिसके कारण सिर दर्द के साथ साथ गैस, उल्टी, जी मचलाना और चिड़चिड़ाहट जैसी समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा माइग्रेन के कारण photofobiya or phonofobiya अर्थात प्रकाश या ध्वनि से परेशानी होना शुरू हो जाती है।
माइग्रेन सामान्य रूप से पर्याप्त नींद ना लेने, भूखे पेट रहने, पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीने आदि कारणों से हो सकता है।
माइग्रेन के कारण || Causes of Migrain || माइग्रेन की समस्या क्यों होती है ?
माइग्रेन का सबसे बढ़ा कारण तनाव है। आज की तनाव भरी जिंदगी में माइग्रेन की समस्या आम बात हो गयी है। जब लोग अपनी इस तनाव भरी जिंदगी को बदलने का प्रयास नहीं करते तब यह तनाव बढ़कर माइग्रेन का रूप ले लेता है।
माइग्रेन उच्च रक्त चाप (High Blood Pressure), निम्न रक्त चाप (Low Blood Pressure), मधुमेह (Daibities), Hang Over आदि रोगों के कारण भी हो सकता है।
कई बार माइग्रेन कुछ प्राकृतिक समस्याओं जैसे हार्मोन्स में बदलाव आदि के कारण भी होता है। माइग्रेन की समस्या महिलाओं में देखने को मिलती है। विशेषज्ञो के अनुसार माइग्रेन अब तक लगभग 20% महिलाओं को अपना शिकार बना चूका है। माइग्रेन की समस्या अब इतनी आम हो गयी है की आजकल के बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं इसका सबसे बढ़ा कारण कंप्यूटर, मोबाइल, गेम आदि का प्रकाश और इसका उपयोग है। क्यों की मोबाइल से निकलने बाला प्रकाश सीधे बच्चो के Nurbas System को प्रभावित करता है जिससे माइग्रेन की समस्या होती है।
हमारे देश में शायद ही ऐसा कोई होगा जिसे माइग्रेन की समस्या ना हो लेकिन इसके बाद भी लोग इसे गंभीर रूप से नहीं लेते और इसका इलाज भी नहीं कराते कुछ विशषज्ञों का मानना यह है की माइग्रेन एक अनुवांशिक बीमारी है और यह पारवारिक होती है। माइग्रेन की समस्या असंतुलित खाद्य पदार्थों के सेवन से जैसे चोकलेट, वियर, कैफ़ीन आदि के अधिक सेवन से और शरीर में कुछ विषैले तत्वों के जमाव से भी होती है।
माइग्रेन का बहुत बढ़ा कारण हमारी नींद भी है अर्थात हमारे सोने जागने का असामान्य तरीका, असमय सोना, ज्यादा देर तक सोना या फिर कम नींद लेना माइग्रेन की समस्या को पैदा कर सकता है। इन सबके अलावा अधिक मेहनत या फिर अपनी क्षमता से ज्यादा कार्य करना भी माइग्रेन की समस्या को पैदा करता है।
माइग्रेन के लक्षण || Migrain Symptom in Hindi
1 रह रहकर सिर में दर्द होना Pulsetive सिरदर्द (धड़कता हुआ सिर दर्द) जो की किसी भी शारीरिक गतिविधि करने से बढ़ता जाता है। लम्बे समय (4-72 घंटे) तक असहनीय दर्द माइग्रेन का सबसे बढ़ा लक्षण है।
2 चिड़चिड़ाहट, कब्ज, गर्दन में अकड़न, प्यास लगना, जम्हाई आना, कमजोरी आदि माइग्रेन के संकेत हैं।
3 आखों में तेज दर्द होना, आखों के नीचे काले धब्बे या धुंधला दिखाई देना भी माइग्रेन के संकेत हैं।
4 उल्टी, मितली की समस्या।
5 तेज आवाज (शोर), अत्यधिक रोशनी या गंध के प्रति हमारी संवेदनशीलता बढ़ना।
6 Skin में चुभन और काम करते वक्त थकावट होना माइग्रेन के शुरुआती लक्षण हैं।
7 किसी काम में मन ना लगना और जल्दी गुस्सा आना।
माइग्रेन के घरेलु उपचार || माइग्रेन की समस्या है क्या करें ?
असंतुलित खाना खाने से बचें कोल्डड्रिंक, अल्कोहल, चॉकलेट आदि के सेवन से माइग्रेन बढ़ सकता है। इसलिए अपने भोजन में हरी सब्जियों, साबुत अनाज, nuts और Dry Fruits को शामिल करें क्यों की इनमे कई खनिज लवण पाए जाते है। इनमे पाया जाने बाला मेग्नीशियम विशेष रूप से माइग्रेन को रोकने में मदद करता है। हमें ज्यादा मिर्ची मसालेदार खाना खाने से बचना चाहिए और कुछ तरल पदार्थ जैसे नीम्बू पानी, छाछ, नारियल पानी, लस्सी आदि का सेवन करना चाहिए। खाने के साथ नमक कम मात्रा में लें क्यों की नमक ज्यादा खाने से blood pressure बढ़ता है। और भूखें रहने से बचे ज्यादा उपवास ना करें।
रोजाना 8-10 गिलास पानी पियें क्यों की कम पानी पीने से शरीर में डीहाइड्रेशन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जो माइग्रेन का बहुत बड़ा कारण है इसीलिए ज्यादा पानी पियें और गर्मी के दिनों में ज्यादा चाय, कॉफी ना पियें।
रोजाना अच्छी नींद लें यह माइग्रेन को रोकने में मदद करेगा रोजाना रात में 7 से 8 घंटे नींद जरूर लें। जितना हो सके शांत और प्राकृतिक वातावरण में रहे। इससे आपका दिमाग शांत रहेगा और तनाव कम होगा।
माइग्रेन से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय है योग और ध्यान साथ ही सूर्य नमस्कार भी बेहतर रहेगा। कुछ प्राणायाम जैसे - अनुलोम विलोम, कपालभाति, भ्रामरी आदि आपकी माइग्रेन की समस्या को दूर करने के लिए लाभदायक हैं।
ऐक्युप्रेसर के जरिये भी हम माइग्रेन की समस्या से निजात पा सकते है। हमारे शरीर में कुछ ऐसे पॉइंट्स होते है जिनका सीधा सम्बन्ध हमारे सिर से होता है और जब हम इन पॉइंट्स पर विशेष प्रकार का दबाव डालते है तो ऐसा करने से हमें सिर के दर्द से राहत मिलती है। और ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक से होने लगता है जिससे माइग्रेन के दर्द से छुटकारा भी मिलता है।
सिर पर पिपरमेंट आयल से मालिश करें क्यों पिपरमेंट में सूजन को दूर करने के गुण होते हैं इसलिए सिर में मालिश करने से दर्द में आराम मिलता है और मन शांत रहता है
सिर या माथे की बर्फ से शिकाई करे और नाक में नियमित रूप से भाप लें।
माइग्रेन क्यों होता है ? माइग्रेन की समस्या क्यों होती है ?
Health Expert के अनुसार माइग्रेन की समस्या Traigeminal (ट्राइगेमिनल) Nurve में Neurochemical (न्यूरो केमिकल) में बदलाव और मस्तिष्क के रसायनों जैसे seroronin (सेरोरोनिन) में असंतुलन की वजह से माइग्रेन होता है।
माइग्रेन हुआ है कैसे पता करें ? माइग्रेन की कौन सी जाँच कराएं ?
यदि तकलीफ ज्यादा हो और यदि महीने में लगातार 4 से 5 बार माइग्रेन के कारण सिर दर्द हो और यह सिर दर्द लम्बे समय तक चले और दर्द निवारक दवाओं का कोई असर ना हो तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और कुछ जरूरी जांचे करवानी चाहिए। कुछ लोगों में माइग्रेन की समस्या अनुवांशिक वजहों से हो सकती है इसलिए ऐसे लोगो को स्नायविक (snaywik) जाँच करानी चाहिए ताकि उनके पारिवारिक रोगों का पता लगाया जा सके।
डॉक्टर की सलाह से खून की जाँच, तंत्रिका तंत्र की स्थिति की जाँच, मस्तिष्क में रक्त स्त्राव आदि की जाँच भी करा सकते हैं।
और अगर इन सभी के बाद भी आपका दर्द असहनीय हो और दवाएं काम ना करें तो Computarized Tomography, सीटी स्कैन से ट्यूमर संक्रमण, मस्तिष्कीय क्षति और मस्तिष्क से सम्बंधित अन्य जांचे अवश्य करवाएं।
माइग्रेन से क्या खतरा है ? माइग्रेन से क्या नुकसान हैं ?
माइग्रेन के कारण चिड़चिड़ाहट और जल्दी गुस्सा आना जैसी समस्याये उत्पन्न हो जाती है।
इससे गैस की समस्या उत्पन्न हो जाती है ,और यह गैस सिर में पूर्ण रूप से रह जाती है।
यह हमारे दिमाग को भी प्रभावित करता है जिससे सोचने और याद रखने की क्षमता कम होने लगती है।
कई बार माइग्रेन के कारण अनिद्रा ( नींद न आने ) की परेशानी भी उत्पन्न हो जाती है।
माइग्रेन के कारण पूरे शरीर में थकावट और कमजोरी हो जाती है जिसके कारण किसी काम में मन नहीं लगता है।
माइग्रेन हमारी आँखों को बहुत प्रभावित करता है ,इससे आँखों की कई समस्याये उत्पन्न हो जाती है।
माइग्रेन के कारण सिर के आलावा शरीर के अन्य भागो जैसे गर्दन और कंधो में भी दर्द शुरू हो जाता है।
Thankx for knowledge
ReplyDeleteGood informative blog
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