एसिडिटी को जड़ से ख़त्म कैसे करें ? क्यों होती है एसिडिटी

     एसिडिटी क्या है ? एसिडिटी किसे कहते हैं (What is Acidity)

    आज कल एसिडिटी की समस्या  बहुत ही आम हो गई है।  आज की इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने काम काज में इतना व्यस्त हो गये है की अपने खान-पान पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते।  जिसके चलते उन्हें पेट से जुडी कई समस्यायें शुरू हो जाती है।  कई बार लोग जल्दी जल्दी में कम खाना खाते है या कुछ उल्टा सीधा खा लेते है जिसके चलते उन्हें एसिडिटी (गैस), पेट में दर्द, अल्सर, कब्ज, घबराहट (जी मचलाना) आदि की शिकायत होने लगती है।  और इन सबके चलते व्यक्ति बहुत परेशान होने लगता है।  न तो ठीक से कोई काम कर पाता है और न ही आराम करने में उसका मन लगता है।  आगे चलकर यह एसिडिटी गंभीर रूप ले लेती है जिसके चलते व्यक्ति को अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है। 

    जब हम भोजन करते है तो उसका पाचन भी होता है, और पाचन के दौरान हमारे आमाशय में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCL) का निर्माण होता है, जो भोजन को टुकड़ो में बाँटने का काम करता है और पाचन की क्रिया को आसान बनाकर भोजन को पचाने में मदद करता है लेकिन यदि हाइड्रोक्लोरिक एसिड का निर्माण अधिक मात्रा में होने लगे  और यदि यह एसिड आमाशय से आहारनाल esophagus  में पहुँच जाये तो ऐसे में हमें गैस (एसिडिटी) की समस्या हो सकती है।  क्योकि यह एसिड इतना अधिक अम्लीय होता है, की आहारनाल की परते इसके प्रति अनुकूलित नहीं होती और एसिडिटी  (Gastroesophageal Refiux Disease) की समस्या शुरू हो जाती है। 


    एसिडिटी के कारण | एसिडिटी की समस्या क्यों आती है | पेट में गैस क्यों बनती है | (Causes of Acidity | Acidity Problem)

    1) शरीर में एसिड का अत्यधिक होना :  एसिडिटी का सबसे बड़ा कारण हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और पेप्सिन का आमाशय से आहारनाल तक पहुँच जाना है। और ऐसा लोअर एसोफाजाल स्फिंक्टर (LES) मासपेशी के क्षतिग्रस्त होने के कारण होता है। यह मासपेशी आमाशय और आहारनाल को जोड़ने का काम करती है, जो केवल खाते-पीते समय ही खुलती है और फिर अपने आप बंद हो जाती है। जिसके कारण हाइड्रोक्लोरिक अम्ल  पेप्सिन आहारनाल में नहीं जा पाते, लेकिन यदि किसी कारण यह मासपेशी क्षतिग्रस्त या कमजोर होकर असमय ही खुलने या बंद होने लगे,  तो हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और पेप्सिन सीधे हमारे आहारनाल में पहुँच जायेंगे। और लगातार ऐसा होने से आहारनाल में सूजन आने की सम्भावना हो सकती है।  जो लगातार होने वाली एसिडिटी का कारण  हो सकता है। 

    2) पर्याप्त नींद ना लेना भी हो सकता है एसिडिटी का कारण :  कभी - कभी पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने से भी एसिडिटी की समस्या हो सकती है। क्योकि सोते समय शरीर के कुछ अंग शरीर के विषाक्त,  हानिकारक पदार्थो को साफ करने का काम करते है। 

    3)  तनाव है एसिडिटी का मुख्य कारण :  तनाव, अत्यधिक चिंता या किसी प्रकार का डर होना एसिडिटी का कारण बन सकता है, क्योकि अधिक तनाव के कारण हमारे शरीर में अधिक एसिड बनने लगती है जो एसिडिटी को बड़ा देती है। 

    4)  धूम्रपान एसिडिटी का कारण :  हमारी कुछ बुरी आदते जैसे शराब पीना, धूम्रपान करना  आदि एसिडिटी का मुख्य कारन हैं। क्योकि शराब या कैफीन अम्लीय प्रवत्ति के होते है, जो पेट में एसिड की मात्रा को बड़ा देते है और यह एसिडिटी का कारण बन जाता है। 

    5) असंतुलित खाद्य पदार्थ है एसिडिटी का कारण :  अनियमित भोजन करना,  जंक फ़ूड या ज्यादा मिर्च मसाले का खाना, अधिक तला हुआ भोजन करना आदि  एसिडिटी का सबसे बड़ा कारण होते है अधिकतर लोगो में एसिडिटी की समस्या इसी कारण होती है, जिससे कई बार पेट में जलन होने लगती है।  


    ये भूलकर भी ना करें 

                                

    6)  खाली पेट चाय एसिडिटी को न्योता देती है :  कम पानी पीना या खाली पेट चाय, कॉफी पीने से।  चाय और कॉफी में कैफीन होता है, जो उच्च एसिड युक्त होता है यह पेट में अल्सर का उत्पादन कर सकता है।  इसलिए खाली पेट  चाय - कॉफी पीने से एसिडिटी की समस्या हो जाती है। तथा कम पानी पीने से पाचन की क्रिया सही ढंग से नहीं हो पाती जो अपच का रूप ले लेती है।

    7) रोजाना बासा भोजन भी है एसिडिटी का कारण :  बासी भोजन करना या रात को देर से खाना और खाने के तुरंत बाद सो जाना यह भी एसिडिटी का कारण है।  बासी भोजन में कई प्रकार के बैक्टीरिया हो सकते है। जो खाने के माध्यम से हमारे पेट में पहुँच जाते है और पाचन की क्रिया में रूकावट डालते हैं,  जिसके कारण हमें पेट दर्द,  एसिडिटी की समस्या शुरू हो जाती है।  खाना खाने के बाद पचने में कुछ समय लगता है।  कुछ लोग खाना खाने के तुरंत बाद सो जाते है, जिसके कारण उनके शरीर में फेट की मात्रा बढ़ने लगती है और धीरे धीरे मोटे होने लगते है और आगे चलकर ये गैस और एसिडिटी का रूप ले लेता है। 

    8) दवाओं का अत्यधिक सेवन भी है एसिडिटी का कारण :  अधिक मात्रा में दवाओं का सेवन करने से, कभी कभी शरीर में गर्मी अधिक बड़ जाती है जिससे एसिडिटी की समस्या शुरू हो जाती है। 

    9)  अत्यधिक नमक और व्यायाम भी है एसिडिटी का कारण  : अधिक मात्रा में नमक के सेवन से या कोई भी शारीरिक व्यायाम न करने से भी एसिडिटी की समस्या आती है। 

    10) भूख भी है एसिडिटी का कारण : अधिक समय तक भूखा रहना, भूख लगने पर भी भोजन न करना।  फाइबर युक्त भोजन का सेवन न करना कभी कभी अधिक भोजन कर लेना ये सब भी एसिडिटी को बढ़ावा दे सकते है। 

    एसिडिटी के लक्षण | गैस बन रही है कैसे पता चलेगा (Symptoms of Acidity)

    1  सांसो में बदबू , या साँस लेने में तकलीफ। 

    2  आवाज बैठना। 

    3  बार बार हिचकी आना। 

    4   पेट फूलना,  सीने में जलन होना। 

    5   पेट में दर्द होना, और पेट जलन होना या गर्माहट। 

    6  जी मिचलाना। 

    7  सिर में तेज दर्द होना। 

    8  भूख न लगना,खट्टी डकारे आना। 

    9   थकान  कमजोरी या बेचैनी होना। 

    10  गले में दर्द, भोजन निगलने में समस्या होना। 

    एसिडिटी से बचने के उपाय | Ways to Avoid Acidity 

    1  एसिडिटी को दूर करने में व्यायाम है सहायक :  प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम और योग करें। इससे आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और शरीर में स्फूर्ति रहेगी। 

    2  तनाव से बचें :  वे बजह तनाव में न रहे और ज्यादा क्रोध से बचे। 

    3   खाना खाते समय अन्य काम ना करें :  टी वी देखते हुए खाना न खाये या खाना खाते  बक्त ज्यादा बात न करें इससे आप ज्यादा खाना खा लेते है। 

    4  होटल/कैंटीन का खाना खाने से बचें :  बाहर का खाने से बचे ज्यादा तेल मसाले या जंक फ़ूड खाने से बचें। होटल का खाना ज्यादा तेल और मसालेदार होता है और मसालेदार खाना एसिडिटी का मुख्य कारण है। 

    5  ज्यादा मीठा खाने से बचें :  चॉकलेट, मिठाई, चावल  या चाय कॉफी के अधिक सेवन करने से बचें क्योकि ये एसिड को बढ़ाते है अपने खाने में ठन्डी चीजों  को शामिल करें। 

    6  धूम्रपान से बचें :  धूम्रपान या शराब आदि का सेवन न करें ये पेट में एसिड के स्त्राव को बढ़ाते है जिससे लोअर एसोफाजाल स्फिंक्टर मासपेशी क्षतिग्रस्त हो सकती है। 

    7  नींद पूरी लें :  कम से कम 6 - 7 घंटे की नींद जरूर ले। 

     खाना खाने के तुरंत बाद सोने से बचें :  खाने के तुरंत बाद न सोय कुछ समय टहले क्योकि भोजन के पचने में 2 से 3 घंटे लगते है। 

    9 खाना खाने के तुरंत बाद पानी ना पियें :   खाने के तुरंत बाद पानी ना पियें कम से कम 1 घंटे बाद पानी पियें और रोज सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पियें। 

    10 भर पेट खाने से बचें :  जितनी भूख हो उससे थोड़ा कम खाना खायें पेट भर के खाना न खायें खाना खाते समय बीच में बार बार पानी न पियें और खाना आराम आराम से खाये।


    एसिडिटी को रोकने के घरेलु उपाय | एसिडिटी का तुरंत घरेलु इलाज | एसिडिटी को जड़ से ख़त्म करें  (Home remedies to Prevent Acidity)

    1  सौंफ का सेवन करेगा एसिडिटी को दूर :

    खाना खाने के बाद थोड़ी की सॉफ जरूर खाएं या एक कप पानी में सॉफ डालकर उबाले और सेवन करें इससे आपकी पाचन शक्ति बढ़ेगी सौंप में उपस्थित कार्मिनेटिव और एंटीस्पास्मोडिक गुण पेट से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।  सौंप कब्ज से राहत दिलाती और एसिडिटी से राहत दिलाती है।   

     2  बादाम का सेवन करेगा एसिडिटी को दूर :

    बादाम एक बहुत ही अच्छे ऐंटिऑक्सिडेंट का काम करता है यह पैट के हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को बेअसर कर देता है और एसिडिटी को  रोकने में मदद करता है। 

    3  नारियल पानी है एसिडिटी को दूर करने में सहायक :

    नारियल के पानी में क्षारीय गुण होते हैं जो पेट में अम्ल के प्रभाव को कम कर देता है।  नारियल पानी fiver युक्त होता है। यह पाचन की क्रिया को सरल बनाता है और एसिडिटी के प्रभाव को कम कर देता है। 

    4  अजवाइन और जीरे का सेवन करे और एसिडिटी से छुटकारा पाएं :

    1 चम्मच अजवाइन और 1 चम्मच जीरा लें और इन्हे तवे पर भून लें और चूर्ण बना लें इस मिश्रण को आप खाना खाने के बाद खा सकते हैं। जीरा एक एसिड न्यूट्रलाइज़र की तरह काम करता है जो पेट की एसिड के प्रभाव को कम  जिससे एसिडिटी की समस्या दूर हो जाती है। 

    5  अदरक का सेवन का सेवन भी है कब्ज में असरदार :

    जब भी आपको एसिडिटी की समस्या हो तो आप अदरक के टुकड़ों को अच्छी तरह चबाएं इससे आपको एसिडिटी से राहत मिलेगी।  इसके अलावा आप 1 ग्लास पानी में पिसे हुए अदरक को उबालें और ठंडा करके पी लें। अदरक पेट की एसिड (हाइड्रो क्लोरिक अम्ल और पेप्सिन) को कम करता है तथा आंतों की सूजन को दूर करने में मदद करता है। अदरक में एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण मौजूद होता है जो की सीने की जलन को कम करता है और पाचन शक्ति बढ़ाता है।  

    6  लौंग का सेवन आपके पेट की कब्ज को दूर करे : 

    3-4 लौंगे लें और मुँह में चबाएं ताकि लौंगो का रस आपके पेट में पहुंच कर एसिड को कम करे, क्यों की लौंगों में  कार्मिनेटिव प्रभाव मौजूद होते हैं जो एसिडिटी को कम करने में सहायक होता है। 

    7  छाछ पिए और गैस से छुटकारा पाएं :

    1 कटोरी में छाछ लें इसमें 1 चम्मच सिकी हुई मेथी का पाउडर चुटकी भर हींग और स्वादनुसार काला नमक मिला लें और पी लें। छाछ में उपस्थित लेक्टिक एसिड पेट की एसिडिटी को दूर कर पेट दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करेगा। 

    8  ठंडा दूध भी है एसिडिटी में असरदार :

    दूध गैस्ट्रिक एसिड को स्थिर करने में मदद करता है एसिडिटी से आराम पाने के लिए आप बिना शक्कर का ठंडा दूध पी सकते हैं। दूध कैल्शियम से भर पूर होता है और एसिडिटी को रोकता है। 

    9  गुड़ का सेवन करे एसिडिटी को दूर करें :

     आप खाना खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ जरूर खाएं। गुड़ अल्काइन को बनाने में मदद करता है जिससे एसिडिटी से राहत मिलती है। गुड़ पेट को ठंडक प्रदान करता है।  यदि आपको डायबिटीज की बीमारी है तो आप गुड़ का सेवन ना करें। 

    10  केला खाये और पेट की गैस से छुटकारा पाएं :

    केला एक प्राकृतिक एंटी ऑक्सीडेंट है, केला पोटेशियम और फाइवर युक्त होता है। जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और पाचन को नियंत्रित करता है। गैस की समस्या से राहत पाने के लिए आप पिसे हुए केले को ठन्डे दूध में मिलकर इसका सेवन कर सकते है। इसके सेवन से गैस की समस्या में आपको काफी राहत मिलेगी। 

    11  आंवला है पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक :

    आंवला विटामिन C युक्त होता है जो अल्सर से आहारनाल के उपचार में मदद करता है। आंवले के चूर्ण या आंवले को पानी में उबालकर पियें आंवला भोजन को पचाने में सहायक होता है और कब्ज से छुटकारा देता है। 

    12  नीम्बू का रस रोज पियें एसिडिटी को दूर करें :

    1 नीम्बू को 1 ग्लास पानी में अच्छे से निचोड़ लें अब उसमे 1/2 चम्मच काला नमक, 1 चुटकी काली मिर्च और स्वादानुसार शक्कर डाल लें अब इस मिश्रण को छन्नी से छान लें और इसे पी लें। नीम्बू में विटामिन C, विटामिन B, कैल्शियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट के साथ साथ साइट्रिक और एस्कोर्बिक अम्ल पाया जाता है जो  शरीर से मेटाबॉलिज्म को सामान्य रखता है। 

    13  शहद आपके पाचन तंत्र को ठीक करेगा :

    गुनगुने पानी में शहद मिलकर पीने से कब्ज में राहत मिलती है और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। शहद में विटामिन, खनिज और अमीनो अम्ल भी होता है।  शहद में मुख्य रूप से फ्रक्टोज़ पाया जाता है जो पेट को साफ़ करने में मदद करता है।  

    14  काली मिर्च के ये गुण आपको दिलाएंगे कब्ज से राहत :

    2 ग्राम काली मिर्च पाउडर गुड़ के साथ खाने से कब्ज में राहत मिलती है। काली मिर्च में विटामिन A, Vitamin C और एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो पेट की पाचन शक्ति को बढ़ाता है। आप चाहें तो सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में काली मिर्च पाउडर मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।  

    15  नीम का रस पिए और पेट के बैक्टीरिया को ख़त्म करें :

    नीम तो औषधि के रूप में वरदान है। नीम में एंटीऑक्सीडेंट और बैक्टेरिया से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। नीम की पत्तियों को पीसकर रोजाना उबले पानी में मिलाकर पियें।    

    एसिडिटी के नुक्सान | Disadvanteges of Acidity 

     1  एसिडिटी का गंभीर रूप आपकी रातों की नींद उड़ा सकती है। 

    2  एसिडिटी अगर पुरानी हो गयी है तो ये आपके शरीर के विभिन्न अंगो को प्रभावित कर देती है। 

    3  एसिडिटी आपको माइग्रेन की समस्या भी पैदा कर सकती है। 

    4  एसिडिटी आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करती है और पेट की आंते सिकुड़ जाती है। 

    5  पेट में अल्सर की समस्या भी पैदा हो सकती है और अगर फुट गया तो आपको खून की उल्टियां भी हो सकती हैं। 

    6  एसिडिटी होने पर अत्यधिक दवाओं का सेवन करने से आपको अन्य बीमारियाँ घेर सकती हैं। 

    एसिडिटी कहां बनती है ? एसिडिटी का दर्द कहा होता है ?

    जब एसिडिटी बनना शुरू होती है तो सबसे पहले आपको खट्टी डकारे आती हैं या पेट में गर्म सा महसूस होने लगता है। लेकिन एसिडिटी केवल पेट में ही नहीं बल्कि सीने और सिर में भी बनती है। अगर एसिडिटी गंभीर रूप ले - ले तो यह धीरे धीरे पूरे शरीर में फ़ैल जाती है और असहनीय पीड़ा होती है। 

    सिर की एसिडिटी :

    जब भी हमें सिर में एसिडिटी की समस्या होती है, तो हमारा सिर बहुत भारी हो जाता है।  सिर में असहनीय दर्द शुरू हो जाता है और यह सिर दर्द दवाओं के सेवन से भी दूर नहीं होता। कई बार सिर दर्द की परेशानी इतनी अधिक बड़ जाती है की यह आपकी भी उडा देती है। 

    सीने की एसिडिटी :

    जब कभी सीने में एसिडिटी बनती है तो सीने के बीचों बीच गर्म या जलन होती है और यह जलन इतनी तीव्र होती है की कभी कभी चक्कर खाकर गिर जाते हैं और जी मिचलाता है। सीने में एसिडिटी की समस्या भी असहनीय होती है। 

    एसिडिटी के समय डॉक्टर की सलाह कब लें ?

    सिर और सीने में एसिडिटी के वक्त कोई भी दवाई काम नहीं करती ये एसिडिटी का गंभीर रूप है तो आपसे आग्रह है  प्रकार की एसिडिटी जब भी हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। 

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