Low blood pressure kya hai ? Hypotension ke baare me janiye ...

     निम्न ब्लड प्रेशर क्या है ? (What Is Low Blood Presure)

    लो ब्लड प्रेशर (निम्न रक्तचाप) को वैज्ञानिक भाषा में हाइपोटेंशन के नाम से जाना जाता है। लो ब्लड प्रेशर (निम्न रक्तचाप) भी एक बहुत जटिल समस्या है जो  किसे भी व्यक्ति (बच्चो से लेकर बुजुर्गो) में देखने को मिल सकती है। हाइपोटेंशन एक ऐसी स्थिति होती है, जब धमनियों और रक्त वाहिनियों में रक्त का प्रवाह कम (धीरे) होने लगता है। 

    ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) को  ( सिस्टोलिक / डायस्टोलिक ) ब्लड प्रेशर के रूप में व्यक्त किया जाता है। किसी व्यक्ति का सामान्य ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) 120 / 80  होता है 
    इसमें ऊपर की संख्या रक्त द्वारा धमनियों पर पड़ने वाले दवाब को दर्शाती है, इसे सिस्टोलिक कहते है। सिस्टोलिक वह स्थिति होती है,  जब हृदय  रक्त को धमनियों में पम्प  करता है। 
    तथा नीचे की संख्या हृदय के शिथिलन के कारन धमनियों पर पड़ने वाले दवाब को दर्शाती है,  इसे डायस्टोलिक रक्तचाप कहते  है। 
    हृदय के द्वारा रक्त को पम्प करते समय रक्त चाप अर्थात सिस्टोलिक ब्लडप्रेशर अधिक होता है, जबकि सामान्यतः व्यक्ति का डायस्टोलिक रक्तचाप अर्थात हृदय के शिथिल होने के समय ब्लडप्रेशर कम है। एक सामान्य व्यक्ति का सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर  90  - 120 mmhg तथा डायस्टोलिक ब्लडप्रेशर 60 - 80 mmhg होना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति का सिस्टोलिक या डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर इससे कम अर्थात ब्लड प्रेशर 90 /120  mmhg से कम होता है, तो उसे लो ब्लड प्रेशर (निम्न रक्तचाप) की शिकायत होने लगती है। 



    निम्न रक्त चाप के लक्षण | लो ब्लड प्रेशर की पहचान कैसे करें (Symptoms Of Low Blood Presure)

    1. चक्कर आना / सिर घूमना। 
    2. जी मिचलाना / घबराहट होना।
    3. बेहोशी आना। 
    4. हाथ पैर ठन्डे पढ़ना। 
    5. कभी कभी चेहरा सफ़ेद पढ़ना। 
    6. साँस लेने में तकलीफ होना। 
    7. आखें चढ़ा लेना। 
    8. धुंधला दिखाई देना। 
    9. शरीर में थकान या बहुत अधिक कमजोरी होना। 
    10. बोलने में तकलीफ होना / साँस फूलना। 
    11. हाथ पैर सुन्न होना / झिंझनी आना। 
    12. हाथ पैर में अत्यधिक दर्द होना। 

    निम्न रक्त चाप होने के कारण | लो ब्लड प्रेशर क्यों होता है (Causes Of Low Blood Presure)

    1) शरीर में खून की की कमी :- कई बार शरीर में खून की कमी होना भी लो ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता हैं, कई बार किसी बड़ी चोट या किसी अंदरूनी रक्त स्राव के कारण भी हमारे शरीर में खून की कमी हो सकती है, जिससे हमारा रक्त चाप निम्न हो जाता है।

    2) पोषण में कमी :- हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण ना मिलने पर शरीर में कमरोरी और विटामिन बी 12, आयरन और अन्य पोषक तत्वों की कमी आ जाती है, जिसके कारण हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाओं को नहीं बना पाता जिससे निम्न रक्तचाप की समस्या पैदा हो जाती हैं।

    3) शरीर में पानी की कमी :- शरीर में पानी की कमी होने पर हमे कमजोरी महसूस होने लगती हैं, और लो ब्लड प्रेशर जैसी जटिल समस्याएं शुरू होने लगती है।

    4) ह्रदय संबंधी रोग :- कभी कभी ह्रदय से संबंधित कुछ रोग भी लो ब्लड प्रेशर का कारण बन सकते है, जैसे हार्ट अटैक, हार्ट वाल्व में प्रॉबलम आदि के कारण लो ब्लड प्रेशर की शिकायत हो सकती है। 

    5) प्रेगनेंसी :- प्रेगनेंसी के दौरान कभी कभी किसी महिला के हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी ब्लड प्रेशर लो हो सकता है, यह बहुत सामान्य हैं कयोकि प्रेगनेंसी के बाद यह नॉर्मल हो जाता है, और अपने सामान्य लेबल पर ही आ जाता है। 

    6) कुछ बीमारियां :- शुगर, थायरॉयड एडिसंस, डिहाइड्रेशन, डेंगू,  डिप्रेशन जैसी कुछ बीमारियां भी कभी कभी लो ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है, इसके अलावा अधिक मात्रा में दवाइयों का सेवन करने से भी यह समस्या पैदा हो सकती हैं।

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    निम्न रक्त चाप होने का खतरा | लो ब्लड प्रेशर के नुकसान(Disadvantage Of Low Blood Presure)

    1) अधिक ठंड लगना, बार बार सर्दी जुकाम हो जाना ।
    2) हाथ पैर में बहुत अधिक दर्द होना । थकान और कमजोरी महसूस होना ।
    3) चिड़चिड़ापन या भ्रम की स्थिति पैदा होना । 
    4) ह्रदय की धड़कन का तेज होना ।
    5) चक्कर आना या जी मिचलाना ।
    6) कभी कभी लो ब्लड प्रेशर की स्थिति में शरीर के अंगो में रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेल या बेहोशी जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती हैं।
    7) लो ब्लड प्रेशर हमारे नर्बस सिस्टम को भी प्रभावित करता है जिससे ब्रेन हेमरेज की स्थिति बन सकती है।
    8) प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर लो होने पर बच्चे पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है ।



    निम्न रक्त चाप में क्या खाएं | लो ब्लड प्रेशर में क्या खाएं (Food For Low Blood Presure)

    1) नमक - खाने में नमक का सेवन आपके ब्लड प्रेशर लो को कंट्रोल में रखता है। सोडियम रक्त चाप को बढ़ाने का कार्य करता है इसी लिए निम्न रक्तचाप से पीड़ित लोगों के लिए नमक का सेवन लाभदायक होता है ।

    2) कैफीन युक्त भोजन - कैफिन भी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकता है इसलिए आप लो ब्लड प्रेशर की स्थिति में आप कॉफी का सेवन कर सकते हैं। 

    3) संतुलित आहार - अपने आहार में पोषक तत्वों को शामिल करें । फलों का सेवन जरूरी है भी तो आप इनका रस भी पी सकते हैं, प्याज, मटर, ब्रोकली, गाजर आदि को अपनी डाइट में शामिल करें। आप अनार का जूस जरूर पिए अनार का जूस लो ब्लड प्रेशर में काफी कारगर साबित हो सकता है।
    1 साथ अत्यधिक मात्रा में भोजन ना करे थोड़ा थोड़ा करके भोजन करें ।

    4) मीठा - चॉकलेट, टॉफी लो ब्लड प्रेशर में काफी कारगर है। मीठा खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है इसलिए खाने में कुछ मीठा शामिल जरूर करें।

    5) बादाम बाला दूध - रोजाना 6-7 बादामों को पानी में भिगोकर पीस लें और गुनगुने दूध में मिलाकर पिएं। बादाम में आयरन और ओमेगा 3 एसिड पाया जाता हैं जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और हमारी सेहत के लिए लाभदायक होता है।

    6) किशमिश - रात में 10-15 किशमिश को भिगोकर रख दें सुबह उठकर उन किशमिश को खाली पेट 1-1 करके अच्छे से चबाएं उसके बाद उसका पानी भी पी लें इससे आपको काफी राहत मिलेगी ।

    7) तुलसी - रोज खाली पेट 10-15 पत्ते को पीसकर उसमें 1 चम्मच शहद मिलाकर पीने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।
    तुलसी के पत्तों में पोटेशियम, मैग्नेशियम और विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित बनाए रखने में सहायक होता है।

    8) नींबू पानी - 1 ग्लास पानी में 1 नींबू निचोड़कर स्वादानुसार नमक और शक्कर मिलाकर अच्छे से मिला लें और पी जाएं । नींबू पानी के सेवन से आपके ब्लड प्रेशर लो की समस्या जड़ से खत्म तो नहीं होगी लेकिन इससे आपको काफी राहत मिलेगी ।

    9) पेय पदार्थों का सेवन - पेय पदार्थ रक्त की मात्रा में वृद्धि करते हैं और dehydration रोकने में मदद करता है।
    इससे आपका ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहेगा ।

    10) हरे पत्ते दार सब्जियां - अपने भोजन में हरे पत्ते दार सब्जियां जरूर शामिल करें उच्च कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थ जैसे आलू, चावल, फास्ट फूड आदि खाने से बचें।

    कुछ अतिरिक्त ध्यान रखने योग्य बातें जैसे अच्छी नींद लें, शराब से दूर रहें, ज्यादा देर तक बैठे या लेटे रहने के बाद अचानक खड़े ना हो, नियमित रूप से व्यायाम, योग, ध्यान अवश्य करें।अत्यधिक गर्म पानी से नहाने से भी बचें ।

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