किडनी क्या होती हैं, इसकी संरचना :-
किडनी हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, हम जानते हैं की प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में 2 किडनियां होती हैं, जो पेट के अंदर पीछे की ओर रीड की हड्डी के दोनो तरफ स्थित होती हैं इसलिए इन्हे बाहर से स्पर्श करके महसूस नहीं किया जा सकता है । प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में किडनी का आकार राजमा अथवा सेम के बीज की तरह होता है जिसमें से प्रत्येक का वजन 150 से 170 ग्राम होता है । वयस्क व्यक्ति के शरीर में 1 किडनी 10 सेमी लंबी 6 सेमी चौड़ी और 4 सेमी मोटी होती हैं ।
किडनी के कार्य :-
रक्त को शुद्ध करने में - किडनी निरंतर हमारे शरीर के अंदर रक्त में मोजूद हानिकारक अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकलकर रक्त को शुद्ध करने का काम करती हैं।
अवशिष्ट पदार्थों के उत्सर्जन में - जब हम भोजन करते है तो हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में बहुत से पोषक तत्व मिलते है किंतु पाचन की क्रिया के दौरान बहुत से अपशिष्ट पदार्थ जैसे यूरिया आदि शेष रह जाते है, जिन्हे शरीर से बाहर निकलना आवश्यक होता है क्योंकि ये शरीर के अंदर विष का कार्य करने लगते है। हमारी किडनी शरीर के अंदर रक्त में उपस्थित इन हानिकारक पदार्थों को अलग करके पेशाब में परिवर्तित कर देती है, और रक्त को शुद्ध करती है।
शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखने में - जब हमारे शरीर में जरूरत से ज्यादा पानी जमा हो जाता है तो किडनी शरीर में उपस्थित अतिरिक्त पानी की मात्रा को पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकालने का काम करती है ।
शरीर में अम्ल और क्षार के संतुलन बनाए रखने में - किडनी हमारे शरीर में उपस्थित सोडियम, पोटेशियम, मैग्नेशियम, फास्फोरस आदि की मात्रा को संतुलित बनाए रखने का कार्य करती है। इन पदार्थों की मात्रा बढ़ने या घटने से हमारे शरीर के विभिन्न अंगों जैसे ह्रदय, स्नायु, मस्तिष्क आदि की गतिविधियों पर गंभीर असर पढ़ सकता है ।
शरीर में हार्मोंस और मिनरल्स के निर्माण में - किडनी हमारे शरीर के कई हार्मोंस बनाती है जैसे एंज्योटेंसीन, एल्डोस्टोरोन, प्रोस्टाग्लैंडिन आदि । इन हार्मोंस की सहायता से शरीर में पानी, अम्ल और क्षार की मात्रा संतुलित बनी रहती है। एवम रक्त चाप भी सामान्य बना रहता है।
रक्त कणिकाओ के निर्माण में - किडनी ऐरोथ्रोप्रोटीन का निर्माण करती हैं जिसकी सहायता से अस्थि मज्जा में रक्त में उपस्थित लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है।
हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में - किडनी हमारे द्वारा ग्रहण किए गए भोज्य पदार्थों की विटामिन डी में बदलने का कार्य करती है और कैल्शियम का अवशोषण कर हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखती है।
किडनी खराब क्यों होती है | किडनी खराब होने के कारण :-
कैफ़ीन युक्त पदार्थों का अधिक सेवन - कैफ़ीन युक्त पदार्थों का अधिक सेवन हमारे ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है, जिसके कारण हमारी किडनी पर अधिक दबाव पढ़ता है। और इन कारणों से किडनी खराब होने का खतरा बना रहता है।
बहुत ज्यादा शराब पीना - आजकल शराब पीना मनोरंजन का साधन बन गया है, हम सभी जानते हैं की शराब में बहुत से केमिकल मिले आने लगे है, जिससे शराब कई दिनों तक रखी जा सकती है, और यही कारण है शराब का अधिक सेवन आपकी किडनी को भी खराब कर सकता है।
कम नींद लेना - हम सभी जानते हैं कि जरूरत से कम नींद कई रोगों को पैदा करती है, हम जितनी कम नींद लेंगे हमारी किडनी को उतना ज्यादा काम करना पड़ेगा । जब हम रात में नींद लेते है, तो हमारी किडनी को भी रिलेक्स मिलता है।
पेशाब को रोक कर रखना - कई बार हम अपने काम में व्यस्त होने की वजह से या किसी मजबूरी के कारण पेशाब को रोककर रखते हैं ऐसा बार बार करने से आपकी यूरिनरी सिस्टम पर गलत प्रभाव पढ़ने लगता है इसके कारण किडनी में पथरी या किडनी फेल जैसी घातक समस्या पैदा हो सकती हैं।
शरीर में पोषक तत्वों की कमी - हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए संतुलित आहार की जरूरत होती है लेकिन पोषक तत्वों की कमी और असंतुलित खाने से हमारी किडनी में स्टोन बनने लगते हैं और यह तक की आपकी किडनी खराब हो सकती है।
शरीर में पानी की कमी या डिहाइड्रेशन - शरीर से यूरिया, और अन्य अवशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने के लिए उचित मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है लेकिन जरूरत से कम पानी पीने से ये पदार्थ शरीर में जमा होने लगते हैं सही समय से इन अवशिष्ट पदार्थों के बाहर ना निकल पाना भी किडनी फेल होने का कारण है।
नमक का अधिक मात्रा में सेवन - शरीर को सही तरीके से काम करने के लिए सोडियम की आवश्यकता होती है लेकिन अधिक मात्रा में नमक का सेवन ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है जिससे किडनी पर भी दबाव पढ़ता है।
अधिक मीठा खाना - अधिक मीठा खाने से रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और यूरिया में प्रोटीन की मात्रा बढ़ जाती है जिससे हमारी किडनी पर बुरा प्रभाव पढ़ता है।
अधिक मांस खाना - अधिक मात्रा में मांस के सेवन से प्रोटीन की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे किडनी पर मेटाबोलिक प्रेशर बढ़ने लगता है जिससे किडनी को अधिक कार्य करना पढ़ता है इससे किडनी को नुकसान पहुंच सकता है।
पेन किलर और अन्य दवाओं का अधिक सेवन - कुछ लोग थोड़ा सा दर्द होने पर पेन किलर लेने लगते हैं जैसे पैरासिटामोल जैसी दवाइयो के अधिक सेवन से आपकी किडनी पर बुरा प्रभाव पडता है।
किडनी खराब होने के लक्षण :-
चिड़चिड़ापन
खून की कमी (एनीमिया)
भूख कम लगना
सांस लेने में तकलीफ
कम उम्र में ब्लड प्रेशर की समस्या
घबराहट, उल्टी या जी मिचलाना
हाथ, पैर, टखने, चेहरे या शरीर में सूजन
अत्यधिक कमजोरी या थकान होना
पीठ या पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेरो में ऐठन
पेशाब संबंधी बदलाव जैसे - कम पेशाब कम आना, पेशाब में जलन, पेशाब में खून, झाग आना आदि।
सूखी और खुजलीदार त्वचा
वजन घटना या याददाश्त में कमी होना
किडनी खराब होने से कैसे बचें |किडनी फेल होने से कैसे बचाएं (उपाय)
यदि आप किडनी को खराब होने से रोकना चाहते है तो निम्न बातों का ध्यान रखें
उचित मात्रा में ही मीठे का सेवन करें, ज्यादा मीठा खाने से बचे।
अधिक मात्रा में शराब का सेवन ना करे।
पर्याप्त नींद ले।
अपने भोजन ने उचित मात्रा में पोषक तत्वों को शामिल करें अर्थात संतुलित आहार ले।
अनावश्यक दवाइयों का सेवन ना करे अथवा अधिक मात्रा में पेंकिलर्स का उपयोग ना करे।
रोज व्यायाम करे।
केफिन युक्त पदार्थों कॉफी आदि का अधिक सेवन ना करे।
लाल मांस आदि का सेवन कम करे।
भोजन में नमक की उचित मात्रा ही ले अधिक मात्रा में नमक का सेवन करने से बचे।
रोज 7 से 8 गिलास पानी जरूर पिएं,
यूरीन को शरीर में इकठ्ठा न होने दे।
किडनी खराब हो रही है या नहीं कैसे पता करें | किडनी के टेस्ट
किडनी खराब हुई है या नही ये पता करने के लिए हम किडनी फंक्शन टेस्ट करा सकते हैं
ब्लड टेस्ट GFR
Urin test ACR
इन टेस्ट के अलावा जरूरत पढ़ने पर सीटी स्कैन भी करा सकते हैं।
किडनी फेल होने के चरण | स्टेज ऑफ किडनी फेलियर
किडनी फेल होने की 5 स्टेज होती हैं, किडनी फंक्शन टेस्ट से पता चल सकता है कि बीमारी किस स्टेज पर है या आपकी किडनी किस क्षमता से कार्य कर रही है ।
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